नकली दवाएं सप्लाई करने वाला आगरा से गिरफ्तार कोटा के अलावा जयपुर-उदयपुर पुलिस को थी तलाश
केवल दलाली के लिए करता था सप्लाई
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एंटी रैबीज के भी नकली इंजेक्शन: सीआई मीणा ने बताया कि पूछताछ में इसने बताया कि एंटी रैबीज के इंजेक्शन भी इसने काफी मात्रा में सप्लाई किए हैं, जो नकली थे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच नहीं कराई थी। नकली दवा बनाने वाले पकड़ में आने के बाद कई सारी नकली दवाओं का पता चल सकेगा।
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पूछताछ में राहुल ने बताया कि वह फव्वारा चौक व मुबारक महल आगरा की दवा मंडी से नकली दवा खरीदता था। उसके बाद वह उदयपुर में भैया मेडिकल वाले को सप्लाई देता था। दोनों तरफ से मोटी रकम कमाता था। पिछले चार साल से लगातार यह नकली दवा सप्लाई कर रहा था। पुलिस को दवा बेचने वाले तीन लोगों के नाम भी पता चले हैं। पुलिस आगरा में आरोपियों का पता लगा रही है।
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भास्कर न्यूजत्नकोटा
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सीआई हरिचरण मीणा ने बताया कि वर्ष 2012 में कोटा, जयपुर, अजमेर सहित अन्य जगहों पर महिलाओं की गम्भीर बीमारियों मे काम आने वाली दवा की जगह नकली दवा के बिकने का मामले सामने आने के बाद जयपुर स्वास्थ्य विभाग व औषधि नियंत्रण अधिकारियों द्वारा उदयपुर, जयपुर, कोटा मे टीमें बनाकर छापामारी कर नकली दवाओं को सील किया था। परीक्षण में दवा फर्जी साबित होने पर कई दवा विक्रेताओं तथा सप्लायर उदयपुर की भैया मेडिकल स्टोर के मालिक दीपक अग्रवाल के खिलाफ सभी शहरों मे पांच मामले दर्ज किए गए। तब से पुलिस राहुल की तलाश कर रही थी। कोतवाली पुलिस के कांस्टेबल मोहम्मद इमरान व दयाराम कई दिनों से आगरा में निगरानी कर रहे थे, जिन्होंने मुखबिर की सूचना पर स्थायी वारंटी बन चुके आरोपी राहुल को अपनी प्रेमिका के घर के बाहर से मिलने जाते समय पकड़ लिया। राहुल गर्ग को प्रॉडक्शन वारंट पर लेने के लिए जयपुर से भी टीमें कोटा आ रही हैं। आगरा से राजस्थान में डूफास्टोन नामक दवा की जगह करता था नकली दवा सप्लाई, सालभर पहले हुए थे प्रदेशभर में मामले दर्ज |
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