Saturday, January 18, 2014

adv ragini sharma 27

डीवायएसपी को मैंने बयान ही नहीं दिए

 
धोखाधड़ी पर महिला वकील नामजद 
दुष्कर्म मामले से नाम हटवाने के लिए पुलिस से सांठ-गांठ के नाम पर मांगे थे रुपए 
उदयपुरत्नगोवर्धन विलास थाना पुलिस ने महिला वकील पर धोखाधड़ी कर चार लाख रुपए ऐंठने का मामला दर्ज किया है। वकील ने यह राशि दुष्कर्म के मामले में एक युवती का नाम हटवाने की एवज में ली थी। बाद में पता चला कि रिपोर्ट में युवती का नाम ही नहीं था। पुलिस ने धारा 384/420 में मामला दर्ज कर लिया है।
गोवर्धन विलास थाने के एसएचओ रोशनलाल ने बताया कि ताराचंद कुलदीप पुत्र तुलसीराम निवासी पीपी सिंघल मार्ग ने वकील रागिनी शर्मा के खिलाफ यह मामला दर्ज करवाया है। रिपोर्ट के अनुसार जितेंद्र कुमार पर दुष्कर्म का आरोप है। ताराचंद की बेटी और जितेंद्र एक-दूसरे से परिचित हैं। दुष्कर्म के मामले में पुलिस पूछताछ में युवती को भी बुलाया था। इससे परिवारजन घबरा गए। उन्होंने इस मामले में युवती का नाम हटवाने के लिए जोड़-तोड़ शुरू कर दी। इसी दौरान वकील रागिनी शर्मा इनके संपर्क में आई। उसने यह काम करवाने के लिए चार लाख रुपए मांगे। उसका कहना था कि साढ़े तीन लाख रुपए उसे पुलिस में देने होंगे। प्रार्थी के मुताबिक यह रकम उसने चार किश्तों में दी। प्रकरण का खुलासा हुआ तो पता चला कि युवती का नाम मामले में था ही नहीं। 
उदयपुर त्न रुपयों के लेन-देन में धोखाधड़ी के जांच अधिकारी डीवायएसपी गोवर्धन लाल खटीक की तफ्तीश में संलग्न बयान को नोटरी अलका जोशी ने फर्जी बताया है। नोटरी ने एसपी को बताया कि उन्होंने डीवायएसपी को कोई बयान नहीं दिए। जो लिखावट उसकी बताई गई, वह और हस्ताक्षर, मुहर भी फर्जी हैं। अलका का पक्ष सुनकर एसपी ने निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि अलका जोशी ने अनिल अग्रवाल, मनोज शाह, विनोद पगारिया व अजय जैन के खिलाफ एक परिवाद एसपी के समक्ष पेश किया था। इसमें उसने बताया कि हाथीपोल खटीकवाड़ा निवासी संतोष नीमावत ने एक एफआईआर चारों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में सूरजपोल थाने में दर्ज कराई थी। नीमावत ने अनिल अग्रवाल से 5 लाख रुपए उधार लिए थे। इसके बदले खाली चेक, प्लॉट की रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेज रखे गए। आरोपियों ने खाली चेक पर अधिक राशि भरकर नीमावत को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया था। इसकी जांच डीवायएसपी गोवर्धन खटीक ने की थी। जांच अधिकारी ने नीमावत की रिपोर्ट पर एफआर लगा दी थी। नीमावत ने सूचना का अधिकार कानून के तहत जांच कार्यवाही के कागजात प्राप्त किए जिसमें नोटरी अलका जोशी के बयानों के आधार पर एफआर लगाना पाया गया।
धोखाधड़ी : उत्तरी सुंदरवास निवासी शशि पत्नी गौरीशंकर पटेल ने रूपाबाई पत्नी भैरा गाडरी सहित चार जनों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्लॉट पर कब्जा करने का मामला दर्ज कराया है। उधर, सुखेर थानांतर्गत वीरपुरा निवासी सवा पुत्र मोगा मीणा ने भुवाणा निवासी शंाति लाल पुत्र कन्हैयालाल व तीन अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
फीस तक नहीं दी
॥ ताराचंद से नाम हटाने की एवज में कोई रकम नहीं ली है। वह शुक्रवार को फीस देने वाला था, वो भी नहीं दी। युवती ने 3 जनवरी को कोर्ट जरिए परिवाद में बताया कि एएसआई रोशनलाल ने उसका शारीरिक शोषण किया और 1.50 लाख रुपए लेकर छोड़ा। पिता से माफीनामा भी लिखवाया। 7 जनवरी को एसपी के सामने पेश किया तो वह बयान से बदल गई। रागिनी शर्मा, एडवोकेट
झूठ बोल रही है वकील
॥युवती और जितेंद्र एक ही अपार्टमेंट में रहते थे। इस कारण युवती से पूछताछ की गई। इसमें उसे क्लीन चिट दे दी गई, लेकिन रागिनी शर्मा ने ताराचंद को गुमराह किया तथा नाम शामिल होने का हवाला देकर डराया। इस वसूली में वह पुलिस को भी बदनाम कर रही है। रोशनलाल, एएसआई 

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