Thursday, January 30, 2014

ndps poppy straw khinwsar 21

41 बोरों में भरा साढ़े दस लाख का डोडा पोस्त बरामद, चार गिरफ्तार

 
ढेहरु गांव की सरहद में शनिवार दोपहर में कार्रवाई, डोडा पोस्त की अवैध सप्लाई का शक नहीं हो इसलिए ट्रक खराब होने का नाटक रच कर जोड़ रखा था क्रेन से, साथ ही ट्रक के ऊपरी हिस्से में भर रखे थे संतरे 
भास्कर न्यूज. खींवसर
खींवसर पुलिस ने शनिवार को दिन में मुखबिर की सूचना पर ढेहरु गांव की सरहद में कार्रवाई करते हुए एक ट्रक में भरे साढ़े पंद्रह क्विंटल डोडा पोस्त बरामद किए। डोडा पोस्त की कीमत करीब साढ़े दस लाख रुपए आंकी गई। इस कार्रवाई में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एक आदमी मौके से भाग गया। साथ ही एक एस्कॉर्ट कर रही गाड़ी में सवार युवक भी पुलिस की कार्रवाई देख फरार हो गए। खींवसर पुलिस की कार्रवाई की सूचना मिलने पर नागौर एएसपी रतन लाल भार्गव ने भी खींवसर थाने जाकर मामले की जानकारी ली।

खींवसर थानाधिकारी पांचूराम ने बताया कि उन्हें शनिवार को दिन में करीब 11 बजे मुखबिर से सूचना मिली कि जोरावरपुरा सहित आस-पास के गांवों में ट्रक से अवैध डोडा पोस्त सप्लाई होगा। ढेहरु गांव की सरहद में नाकाबंदी कर वाहनों की तलाशी ली। इसी दौरान एक ट्रक को क्रेन से जोड़कर कच्चे मार्ग से जोरावरपुरा कर तरफ ले जाते देखा गया। ट्रक रुकवाकर तलाशी ली और उसमें सवार लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि ट्रक खराब हो गया है। तैयार कराने ले जा रहे हैं। साथ ही ट्रक में संतरे भरे बताए। लेकिन उनसे पूछा गया कि ट्रक को कच्चे मार्ग से कहां ठीक करवाने ले जा रहे हो। इस पर शक के आधार पर पुलिस ने ट्रक की छानबीन की। ट्रक में भरे संतरे के कार्टन उतारे तो नीचे डोडा पोस्त के बोरे थे।

इस पर ट्रक में सवार खुंडाला गांव के गोविंद राम पुत्र मघाराम जाट व कानाराम पुत्र गंगाराम जाट को गिरफ्तार कर लिया। क्रेन में बैठे बूंदी जिले के पाछोला निवासी रामस्वरूप प्रजापत व रफीक पुत्र बाबू भाई को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की कार्रवाई के दौरान एक साथी मौके से भाग गया। पुलिस ने बताया कि ट्रक व क्रेन को एक बोलेरो में सवार दो लोग एस्कॉर्ट कर रहे थे। उन्होंने ही पुलिस की नाकाबंदी की खबर ट्रक चालक तक पहुंचाई। इस कारण उन्होंने ट्रक को जोरावरपुरा जाने वाले कच्चे मार्ग में उतार लिया। पुलिस एस्कॉर्ट करने वाले लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। थानाधिकारी ने बताया कि ट्रक में संतरों के नीचे अलग-अलग साइज के 41 बोरों में साढ़े पंद्रह क्विंटल डोडा पोस्त भरा था। इसकी कीमत करीब साढ़े दस लाख रुपए है।

संतरे ले गए लोग

थाने के बाहर पुलिस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। लोगों में संतरे ले जाने की होड़ मच गई। पुलिस ने उनसे डोडा पोस्त के बोरे थाने ले जाने में सहयोग लिया। वहीं लोग संतरे ले गए।

पुलिस समझे ट्रक खराब है, इसलिए जोड़ी क्रेन से

क्षेत्र में डोडा पोस्त की कमी के बाद डिमांड बढऩे पर तस्करों ने सप्लाई करने के लिए नए-नए तरीके अपना लिए है। पुलिस की सख्ती के चलते आसानी से ट्रक में बड़ी मात्रा में डोडा पोस्त की सप्लाई नहीं हो सकती। इसलिए तस्करों ने एक नया तरीका अपनाया है। शनिवार को गिरफ्तार हुए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि पुलिस को पता नहीं चले और शक नहीं हो, इसलिए उन्होंने ट्रक को क्रेन से जोड़ लिया। इससे पुलिस यह समझे की ट्रक खराब है और तलाशी भी नहीं ले। साथ ही ट्रक के ऊपरी हिस्से में संतरों के कार्टन भी रख दिए। जिससे की तलाशी भी ले तो संतरे देखकर छोड़ दे। लेकिन शनिवार को पुख्ता सूचना के कारण तरकीब काम नहीं आई।

कसनाऊ के ओमप्रकाश सहित तीन की तलाश

एएसपी रतनलाल भार्गव ने बताया कि ट्रक को बोलेरो सवार खेड़ापा क्षेत्र के कसनाऊ गांव का ओमप्रकाश व सुरजाराम एस्कॉर्ट कर रहे थे। पुलिस ने दोनों का पीछा किया, लेकिन भाग गए। वहीं क्रेन में सवार जोधपुर के जाखण गांव का अणदू सिंह भी ट्रक की तलाशी के दौरान मौका देखकर भाग गया। इन तीनों की तलाश के लिए पुलिस ने जोधपुर व नागौर क्षेत्र में नाकाबंदी की, लेकिन देर शाम तक पकड़े नहीं जा सके। तीनों की तलाश के लिए दबिशें दी जा रही है। तस्करों ने बचाव के लिए ्रक को क्रेन से तो जोड़ लिया, लेकिन यह ट्रक नया था और नंबर भी नहीं लिखे हुए थे। नया ट्रक होने के कारण पुलिस को शक हो गया कि ट्रक खराब तो नहीं है। वहीं मुखबिर की भी सूचना के बाद एएसपी भार्गव ने भी ट्रक की पूरी तलाशी लेने के आदेश दिए।पुलिस ने ट्रक सीज कर तलाशी ली तो डोडा पोस्त मिले। इस पर क्रेन आरजे 06 इए 2440 व ट्रक को सीज कर लिया।

पुलिस समझे ट्रक खराब है, इसलिए जोड़ी क्रेन से

क्षेत्र में डोडा पोस्त की कमी के बाद डिमांड बढऩे पर तस्करों ने सप्लाई करने के लिए नए-नए तरीके अपना लिए है। पुलिस की सख्ती के चलते आसानी से ट्रक में बड़ी मात्रा में डोडा पोस्त की सप्लाई नहीं हो सकती। इसलिए तस्करों ने एक नया तरीका अपनाया है। शनिवार को गिरफ्तार हुए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि पुलिस को पता नहीं चले और शक नहीं हो, इसलिए उन्होंने ट्रक को क्रेन से जोड़ लिया। इससे पुलिस यह समझे की ट्रक खराब है और तलाशी भी नहीं ले। साथ ही ट्रक के ऊपरी हिस्से में संतरों के कार्टन भी रख दिए। जिससे की तलाशी भी ले तो संतरे देखकर छोड़ दे। लेकिन शनिवार को पुख्ता सूचना के कारण तरकीब काम नहीं आई।

॥चारों आरोपियों से पूछताछ चल रही है। पूछताछ में बताया कि वे डोडा पोस्त राजस्थान की बॉर्डर से लगे मध्यप्रदेश के पीपलखेड़ा से लेकर आए थे। प्रारंभिक पूछताछ में उन्होंने ओमप्रकाश को सूत्रधार बताया है। ओमप्रकाश व उसके साथियों की तलाशी जारी है।ञ्जञ्ज रतनलाल भार्गव, एएसपी-नागौर

खींवसर. ट्रक से उतार कर थाने ले जाने के लिए जीप में डालते बोरे। 

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डोडा पोस्त तस्करी के एक और आरोपी को पकड़ा

 
भास्कर न्यूज क्च खींवसर
भावंडा थाना पुलिस ने बुधवार को डोडा पोस्त तस्करी के मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गत 28 दिसंबर को खींवसर पुलिस ने अवैध डोडा पोस्त के चूरे से भरी ट्रक को पकड़ा था। उसमें संतरे की आड़ में डोडा पोस्त की तस्करी की जा रही थी। पुलिस ने लगभग साढ़े 15 क्विंटल डोडा पोस्त का चूरा पकड़ा था। कार्रवाई के बाद मामले की जांच भावंडा पुलिस को सौंप दी गई थी। इसमें कुल आठ आरोपी हैं। इनमें से पांच पहले ही पकड़े जा चुके हैं। छठे आरोपी लवेरा निवासी रामदीन पुत्र मला राम को उसके घर से गिरफ्तार किया गया। दो आरोपी अब भी फरार हैं। 

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दहशत में बड़ागांव ज्वैलर के घर डकैती, ५० लाख का सामान ले गए

 
भास्कर न्यूज त्न गुढ़ागौडज़ी (झुंझुनूं)

बड़ागांव में मंगलवार देर रात करीब ढाई बजे हथियारबंद बदमाश ज्वैलर्स के घर में घुस गए। सात-आठ बदमाशों ने आधे घंटे से ज्यादा देर तक दहशत मचाए रखी। इन्होंने जेवरात-नकदी आदि करीब ५० लाख रुपए का माल उड़ा लिया। गोली लगने से गांव के दो लोग घायल हो गए, जिन्हें झुंझुनंू के बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बुधवार शाम तक पुलिस को डकैतों का कोई सुराग नहीं लगा था।

सूत्रों के अनुसार बड़ागांव के श्रीराम सोनी पुत्र भोमाराम सोनी सोने-चांदी की घड़ाई एवं बिक्री का काम करते हैं। रात करीब ढाई बजे इनके घर पर हथियारबंद बदमाश आए। दुकान के पीछे ही घर बना हुआ है। बदमाश घर के पीछे सीढ़ी लगाकर छत पर चढ़े। इसके बाद कमरों को सरकंडा (कुंदा) लगाकर वारदात को अंजाम दिया। दुकान, कमरे एवं आलमारी से सोने-चांदी के जेवर निकालकर ले गए। कमरे से सोये सोनी दंपती को पिस्तौल दिखाकर पहने हुए जेवरात तक उतरवाकर ले गए। सरकंडे लगाने के दौरान एक कमरे में सोई श्रीराम सोनी के बेटी ज्योति जाग गई। उसने शोर मचाया। इस दौरान अन्य लोग इकट्ठे हो गए। शेष त्न पेज ४

इन्होंने बदमाशों को दबोचने का प्रयास किया। तब बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इसमें ज्योतिप्रकाश (20) पुत्र बजरंगलाल एवं विष्णुशंकर (35) पुत्र भोमाराम के पैरों में गोली लगी। इन्हें झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सूचना पाकर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप, नवलगढ़ डीएसपी देवकिशन शर्मा एवं थानाधिकारी समुंदरसिंह ने मौका मुआयना किया। एसपी ने परिवारजनों के बयान लिए। एफएसएल टीम ने भी साक्ष्य उठाए। दोपहर में जयपुर से पहुंची डॉग स्क्वायड टीम ने भी जांच-पड़ताल की।

शादियों के लिए बना रखे थे गहने

श्रीराम सोनी ने बताया कि वे लोग शादियों के लिए सोने-चांदी के गहने तैयार करते हैं। उनके पास आठ शादियों के गहने तैयार थे, जो एक-दो दिन में लोगों को गहने देने थे। इन गहनों के अलावा उनकी दुकान में भी कई गहने रखे थे। श्रीराम के पुत्र मुकेश सोनी ने बताया कि कई परिचित लोगों के गहने भी उनके पास रखे थे।

मोबाइल की बैटरी निकाली, बेसिक फोन के तार काटे

श्रीराम सोनी ने बताया कि वे कमरे में सोए थे। वारदात से पहले बदमाशों ने उनके मोबाइल की बैटरी निकाल ली तथा बेसिक फोन की केबल काट दी। अचानक रजाई खींचने पर वह जागा तब सामने पांच हथियारबंद युवक खड़े थे। इन्होंने उसे ललकारते हुए धमकी दी और अंगूठी निकलवा ली। पास में सोई पत्नी चंद्रकांता के गले की चेन व कानों के झूमर भी ले गए। आलमारी के सरकंडे को लोहे की रॉड से तोड़कर जेवरात निकाल लिए। सोनी के मुताबिक बदमाश बोली से उत्तरप्रदेश की तरफ के लग रहे थे। श्रीराम सोनी ने बताया कि तिजोरी दूसरे कमरे में होने के कारण डकैतों के हत्थे नहीं चढ़ी।

शाम को घर में बर्थडे पार्टी थी

श्रीराम सोनी के यहां रात को बच्चे के जन्मोत्सव का कार्यक्रम था। पार्टी में आए देवकीनंदन सोनी ने बताया कि वे कार्यक्रम के बाद रात एक बजे सोये थे। एक अन्य रिश्तेदार बैठक में सोया हुआ था। शोर सुनकर वह बाहर आया तो डकैतों ने उस पर भी पिस्तौल तानी। उसकी जेब में पांच सौ का नोट था, उसे भी निकालकर ले गए।

पुलिस की पांच टीमें रवाना

वारदात को किसी गिरोह ने अंजाम दिया है। किसी जान-पहचान वाले की लिप्तता भी लग रही है। एफएसएल व डॉग स्क्वायड भी साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है। बदमाशों के बारे में कुछ क्लू हाथ लगे हैं। उनकी धरपकड़ के लिए पांच टीमें रवाना की गई हैं।

कुंवर राष्ट्रदीप, एसपी झुंझुनूं

40 से अधिक फायर

डकैतों ने मौके पर 40 से अधिक फायर किए। इनमें कई हवाई फायर थे तो कुछ दुकानों के शटरों को निशाना बनाकर किए गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लोग शोर सुनकर छत पर चढ़ गए। डकैतों ने उन पर भी फायर किया। ग्रामीणों के मुताबिक डकैत दोनों हाथों से अंधाधुंध फायर कर रहे थे।

विधानसभा में भी उठा मामला

बड़ागांव की डकैती का मामला बुधवार को विधानसभा में भी गूंजा। उदयपुरवाटी विधायक शुभकरण चौधरी ने कहा कि इतनी बड़ी वारदात होने के बाद भी पुलिसके अधिकारी समय पर नहीं पहुंचे। इस पर मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने वारदात का जल्द खुलासा कराने का आश्वासन दिया।

डकैती के बाद बिखरा सामान।

ञ्चझुंझुनूं के बड़ागांव में हुई वारदात, गोलियां भी चलाईं

ञ्च दो लोग घायल, सात-आठ की संख्या में थे बदमाश 
 
आपबीती 
मंगलवार रात डकैती की वारदात से उबर नहीं पाए गांव के लोग 
जिले में चोरों का बढ़ता आतंक
झुंझुनूं जिले में चोरों का आतंक भी बना हुआ है। खेतड़ी व मुकुंदगढ़ एरिया के लोग सहमे हैं। खेतड़ी में एक रात में तीन सर्राफा दुकान में चोरी से आक्रोशित व्यापारियों ने 12 जनवरी का बाजार बंद रखा था। तब पुलिस ने आश्वासन दिया था लेकिन कुछ नहीं हो सका। सूत्रों के अनुसार खेतड़ी व कॉपर इलाके में महीनेभर के दौरान करीब एक दर्जन वारदात हो गईं। इसी प्रकार मुकुंदगढ़ एरिया में भी एक के बाद एक वारदात होती रही हैं। यहां बीते तीन महीनों में चोरी की नौ वारदातें हो चुकी हैं लेकिन किसी भी मामले में खुलासा नहीं हुआ।
भास्कर न्यूज क्चगुढग़ौडज़ी
बड़ागांव में मंगलवार देर रात करीब ढाई बजे ज्वैलर श्रीराम सोनी के यहां हुई वारदात का खौफ मिटने में समय लगेगा। गांव के साथ आस-पड़ोस के इलाके में लोगों में भय था। झुंझुनूं जिले में हाल के महीनों में चोरियों की लगातार वारदातों के बाद इस डकैती ने लोगों को खौफजद कर दिया। इधर, पुलिस बुधवार शाम तक डकैतों का सुराग नहीं लगा सकी थी। एसपी ने कुछ क्लू मिलने का दावा जरूर किया है।

श्रीराम सोनी पुत्र भोमाराम सोनी के यहां घुसे डकैत आधे घंटे तक धमाल मचाते रहे। इस दौरान ग्रामीणों ने पथराव किया तो उसका जवाब भी इन्होंने फायर करते हुए दिया। वे सोनी और उनकी पत्नी चंद्रकांता के पहने जेवर तक उतरवा ले गए थे। ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाने की कोशिश की लेकिन वे सोनी परिवार जिंदगी दांव पर देखकर सहम गए। श्रीराम सोनी ने बताया कि वे शादियों के लिए सोने-चांदी के गहने तैयार करते हैं। उनके पास आठ शादियों के ऑर्डर पर गहने तैयार थे। ये एक-दो दिन में लोगों को गहने देने थे। इन गहनों के अलावा उनकी दुकान में भी कई गहने रखे थे। श्रीराम के पुत्र मुकेश सोनी ने बताया कि कई परिचित लोगों के गहने भी उनके पास रखे थे।

मोबाइल की बैटरी निकाली, बेसिक फोन के तार काटे

श्रीराम सोनी ने बताया कि वे कमरे में सोए थे। वारदात से पहले बदमाशों ने उनके मोबाइल की बैटरी निकाल ली तथा बेसिक फोन की केबल काट दी। अचानक रजाई खींचने पर वह जागा तब सामने पांच हथियारबंद युवक खड़े थे। इन्होंने उसे ललकारते हुए धमकी दी और अंगूठी निकलवा ली। पास में सोई पत्नी चंद्रकांता के गले की चेन व कानों के झूमर भी ले गए। आलमारी के सरकंडे को लोहे की रॉड से तोड़कर जेवरात निकाल लिए। सोनी के मुताबिक बदमाश बोली से उत्तरप्रदेश की तरफ के लग रहे थे। श्रीराम सोनी ने बताया कि तिजोरी दूसरे कमरे में होने के कारण डकैतों के हत्थे नहीं चढ़ी। इधर, सूचना पाकर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप, नवलगढ़ डीएसपी देवकिशन शर्मा एवं थानाधिकारी समुंदरसिंह ने मौका मुआयना किया। एफएसएल टीम ने भी साक्ष्य उठाए। दोपहर में जयपुर से पहुंची डॉग स्क्वायड टीम ने भी जांच-पड़ताल की।

शाम को घर में थी बर्थडे पार्टी

श्रीराम सोनी के यहां रात को बच्चे के जन्मोत्सव का कार्यक्रम था। पार्टी में आए देवकीनंदन सोनी ने बताया कि वे कार्यक्रम के बाद रात एक बजे सोये थे। एक अन्य रिश्तेदार बैठक में सोया हुआ था। शोर सुनकर वह बाहर आया तो डकैतों ने उस पर भी पिस्तौल तानी। उसकी जेब में पांच सौ का नोट था, उसे भी निकालकर ले गए।

(मुख्य खबर पेज एक पर)

पुलिस की टीमें रवाना

॥वारदात को किसी गिरोह ने अंजाम दिया है। किसी जान-पहचान वाले की लिप्तता भी लग रही है। एफएसएल व डॉग स्क्वायड भी साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है। बदमाशों के बारे में कुछ क्लू हाथ लगे हैं। उनकी धरपकड़ के लिए पांच टीमें रवाना की गई हैं। कुंवर राष्ट्रदीप, एसपी झुंझुनूं

हमें सोनी परिवार की जान प्यारी थी

बड़ागांव में डकैतों की गोली का शिकार ज्योति प्रकाश (२०) व विष्णु (३५ बीडीके अस्पताल में भर्ती हैं। इनका कहना है कि डकैत रात करीब ढाई बजे बगल में श्रीराम सोनी के घर में घुसे थे। कुछ देर बाद ही हम जाग गए। परिवार के लोग और ग्रामीण बाहर निकल आए। डकैतों के पास हथियार देखकर भी हम लोग मुकाबला करने लगे। हमने पत्थर फेंकने शुरू किए। तब डकैतों ने हवाईफायर करते हुए चेतावनी दी कि हवेली में कैद श्रीराम के पूरे परिवार को खत्म कर देंगे। तब हमारे हौंसले पस्त हो गए। हमें अपनों की जान प्यारी थी। उलटे पांव घरों में घुस जाना पड़ा। करीब 10-15 मिनट बाद हम दोनों फिर बाहर निकले और पत्थर बरसाना शुरू किया। यह देख डकैतों ने हम पर फायर कर दिया। इसके बाद डकैत माल लेकर पैदल रवाना हो गए।

गांव का कोई वारदात में लिप्त!

बकौल विष्णु, गांव का करतार सिंह फसल को पानी देने रात करीब दो बजे ट्रैक्टर लेकर खेत में जा था। इस दौरान श्रीराम सोनी के घर के सामने एक युवक मुंह पर कपड़ा बांधे खड़ा था। करतार ने ट्रैक्टर रोककर उससे खड़ा होने का कारण पूछा। इस पर युवक ने जवाब दिया कि वह फ्रेश होने जा रहा है। युवक स्थानीय बोली ही बोल रहा था। चूंकि रात को सोनी के घर कार्यक्रम था, लिहाजा करतार को शक नहीं हुआ और वह आगे बढ़ गया। सुबह वारदात का पता चलने पर करतार ने सोनी परिवार को रात का वाकया बताया।

वारदात वाले कमरे में एसपी को जानकारी देते ज्वैलर्स श्रीराम सोनी।

मौके से बरामद गोलियों के खोल।

सहमी हुई चंद्रकांता

Wednesday, January 29, 2014

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कोटा बैंक डकैती से जुड़े गैंगस्टर सेखों के तार

 
राजस्थान पुलिस ने बठिंडा पहुंच की पूछताछ, चार महीने पहले की वारदात 
जैजी बी की गाड़ी भी लूटी थी 
बीकानेर के खजानची मार्किट में लूटी ज्वेलरी शॉप 
नरिंद्र शर्मा. बठिंडा
हाइवे रॉबर्स गैंग के किंगपिन गुरप्रीत सिंह सेखों के तार कोटा में चार महीने पहले हुई बैंक डकैती से भी जुड़ गए हैं। बीकानेर पुलिस के इंस्पेक्टर नरेंद्र पुनिया ने शनिवार को बठिंडा सीआईए स्टाफ पहुंचकर सेखों से पूछताछ की। बीकानेर पुलिस के मुताबिक सेखों ने अपने गिरोह से मिलकर राजस्थान के कोटा में बैंक डकैती, बीकानेर में ज्वेलरी शॉप डकैती, बारां, नागौर और जोधपुर में लग्जरी गाडिय़ां छीनने की वारदातें की हैं। मगर पूछताछ के दौरान सेखों ने इन वारदातों में उसके नहीं बल्कि उसके गिरोह के सदस्य फिरोजपुर के जयपाल के शामिल होने की बात कही। राजस्थान पुलिस का कहना है कि सेखों भले ही जयपाल का नाम ले रहा है, मगर वह पहले ही जयपाल से एक घंटे तक इंटेरोगेट कर चुकी है। अब इस केस को सुलझाने के लिए वह सेखों को प्रोडक्शन वारंट पर हासिल करने की योजना बना रही है।

लूट की गाड़ी से पहले रैकी, फिर डकैती : कोटा पुलिस के मुताबिक 6 अप्रैल को स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में डकैती से पूर्व आरोपियों ने एक ब्लैक रंग की इंडेवर गाड़ी (पीबी 29एल-6290) के जरिए रैकी की थी। इस गाड़ी की फुटेज राजस्थान के कई टोल टैक्स बैरियरों में दर्ज है। इंस्पेक्टर पुनिया के मुताबिक उस इंडेवर गाड़ी पर लगा नंबर फर्जी है। वह मोगा की सफारी गाड़ी का है जो सेखों के मामा के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस के मुताबिक बैंक की रैकी करने के बाद आरोपियों ने 5 अप्रैल को बारां जिले से एक गाड़ी लूटी, जिससे उन्होंने बैंक डकैती को अंजाम दिया। यहां से आरोपी 6.10 लाख रुपए लूटकर फरार हो गए। पुलिस ने बैंक की सीसीटीवी फुटेज को जांचा तो उसमें तीन आरोपियों की शिनाख्त हो गई।

एक लंबी हाइट वाला गुरप्रीत सेखों, दूसरा फिरोजपुर का चंदन उर्फ चंदू और तीसरा तीर्थ सिंह था। राजस्थान पुलिस के एएसपी पारस जैन ने फिरोजपुर में छापेमारी की थी। आरोपी तो नहीं मिले मगर थाना मुदकी के हेड कांस्टेबल ने सेखों की फुटेज और फोटो देखकर उसकी शिनाख्त कर दी थी।

कोटा के एसबीओपी में ६ अप्रैल को हुई डकैती का लाइव फुटेज।

गुरप्रीत सिंह सेखों

सेखों की गिरफ्तारी के बाद फिरोजपुर, मोगा, लुधियाना और फगवाड़ा पुलिस ने भी उससे पूछताछ के लिए बठिंडा पुलिस से संपर्क साधा है। हाइवे रॉबर्स गैंग, जिसका संचालन शेरा खुब्बन के बाद सेखों कर रहा था, ने फगवाड़ा में गायक जैजी बी से 23 फरवरी को फॉच्र्यूनर लूटी थी। मलोट में 24 अप्रैल को एक व्यापारी के अपहरण और फिरौती मांगने के पीछे भी इस गैंग का हाथ होने की पुलिस को आशंका है। इसके अलावा 30 जनवरी 2012 को फिरोजपुर में हुई हत्या और लुधियाना की शिमलापुरी में 12 मई को हुई किडनैपिंग के मामले में पुलिस आरोपी से पूछताछ करना चाहती है।

सेखों की बीकानेर की खजानची मार्किट में लूटी गई ज्वेलरी शॉप के केस में भी तलाश है। इसमें भी लूट की गाड़ी इस्तेमाल कर 20 लाख के गहने लूटे गए। नागौर में इसी गैंग ने पुलिस अधिकारी के रिश्तेदार से गन प्वाइंट पर गाड़ी लूटी थी और जोधपुर में व्यापारी का अपहरण कर उसकी कार छीनकर फरार हो गए थे। सूत्रों के अनुसार बठिंडा पुलिस के पास सेखों ने कई अहम खुलासे किए हैं, मगर पुलिस इसमें खुलकर कुछ बताने से अभी कतरा रही है, क्योंकि इस गिरोह से जितनी भारी रिकवरी होने की पुलिस को उम्मीद थी वह अभी नहीं हो पाई है। इसके लिए बठिंडा पुलिस की दो टीमें इनके 18 ठिकानों पर लगातार छापामारी कर रही हैं। 

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शेरा खुब्बन के एनकाउंटर के बाद हाइवे रॉबर गैंग का सरगना बन गया था सेखों

 
लक्खा पर फायरिंग के लिए नंबरदार ने दी थी सुपारी : एसएसपी 
चुनावी सभा पर किया था हमला 
रणजोध सिंह जोधा का आपराधिक ग्राफ 
जगसीर सीरा का आपराधिक ग्राफ 
आरोपी पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़ और गुजरात में दर्ज हैं २१ केस 
भास्कर न्यूजत्नबठिंडा
अकाली नेता के घर से गिरफ्तार किया गया गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल में सक्रिय हाइवे रॉबर गैंग का सरगना है। गिरोह के सरगना शेरा खुब्बन का बठिंडा में ५ सितंबर २०१२ को पुलिस द्वारा एनकाउंटर किए जाने के बाद से यह सरगना की भूमिका अदा कर रहा था।

जब चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच की मदद से बठिंडा पुलिस ने शेरा खुब्बन का एनकाउंटर किया, उस समय भी सेखों शेरा के साथ उसके कमरे में मौजूद था मगर वह बच निकला था। उस पर एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं और कई राज्यों की पुलिस को इसकी तलाश थी। इसके बावजूद इसने न केवल फिरोजपुर में तीन वारदातों को अंजाम दिया, बल्कि कोटा में एक डकैती भी की। बठिंडा में कुख्यात गैंगस्टर जगसीर सिंह सीरा और रणजोध सिंह जोधा भी इसके संपर्क में आ गए, जिससे यह दोनों गिरोह एक हो गए। महंगे विदेशी हथियार रखना और संगीन वारदातों को अंजाम देना इस गिरोह का पेशा बन गया था, जिस कारण इसके मेंबर ज्यादा समय एक राज्य में नहीं रहते थे। वीरवार को भी जब पुलिस ने इन्हें काबू किया तब वह राजस्थान में दाखिल होने और वहां पर बड़ी वारदात करने की फिराक में थे।

चंडीगढ़ में की थी पुलिस पर फायरिंग: शेरा खुब्बन और सेखों गहरे दोस्त थे। ३१ अगस्त २०१२ को जब सेखों शेरा के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर ३४ में अपनी माशूका को मिलने के लिए गया तो वहां पर फिरोजपुर पुलिस ने चंडीगढ़ पुलिस की मदद से छापामारी कर दी। इस दौरान सेखों शेरा की मदद से पुलिस पर फायरिंग कर माशूका समेत फरार हो गया था। चंडीगढ़ में इस मामले में सेखों और शेरा पर इरादा कत्ल का केस दर्ज है। चंडीगढ़ से भागकर शेरा, सेखों और उसकी माशूका बठिंडा की कमला नेहरू कॉलोनी में आकर छिपकर रहने लगे थे। यहीं पर ५ सितंबर २०१२ को बठिंडा पुलिस ने क्राइम ब्रांच चंडीगढ़ की सूचना के आधार पर रेड कर शेरा खुब्बन का एनकाउंटर कर दिया था।

फिरोजपुर में की तीन वारदातें: सेखों पर फिरोजपुर के थाना मुदकी में इरादा कत्ल और लूटपाट के दो मामले पहले ही दर्ज थे, जिसमें पुलिस को उसकी तलाश थी। इसके बावजूद सेंखों ने २४ नवंबर २०१२ को फिरोजपुर के थाना घल्लखुर्द इलाके में अपने विरोधियों पर फायरिंग की। इसके बाद उसने गनप्वाइंट पर दो व्यक्तियों से बाइक छीनी। इसके बाद जमीनी विवाद में सेखों ने ४ मार्च २०१३ को मोबाइल के जरिए फिरोजपुर के एक व्यक्ति को धमकियां दीं। इसमें भी थाना घल्ल खुर्द में केस दर्ज है।

अब गैंग की तलाश: शेरा के एनकाउंटर के बाद पुलिस के पास कोई ऐसा क्लू नहीं था, जिससे हाइवे रॉबर गैंग की गतिविधियों को ट्रेस कर उन तक पहुंचा जा सके। मगर सेखों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और गुजरात में सक्रिय गंैग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है। सेखों से पूछताछ के बाद पुलिस को रणजीत सिंह डुपला, जो कि गैंगस्टरों को विदेशी हथियार सप्लाई करता था, के बारे में भी अहम सुराग मिले हैं। अब तक की जांच में पुलिस को इस गिरोह के 10 कुख्यात गुर्गों का पता चला है जिसमें मोगा से कुलप्रीत सिंह, मोहाली से रणजीत सिंह उर्फ डुपला, फरीदकोट से परमपाल सिंह उर्फ पाला, मलोट से मनप्रीत सिंह उर्फ माना, हरजोत सिंह चंडीगढ़, हरिंदर टीनू, भूपिंदर ङ्क्षसह भूपी, चंदू फिरोजपुर, लुधियाना से काका और फिरोजपुर से अमृत, पंचकूला से जयपाल शामिल हैं। इसी गिरोह का एक सदस्य राजीव राजा लुधियाना जेल में बंद है, जिसने जयपाल से मिलकर होशियारपुर में गनहाउस लूटा था। 
लखविंदर सिंह लक्खा की हत्या के लिए जगसीर सिंह सीरा को जेल में बंद गुरतेज सिंह नंबरदार ने १० लाख रुपए की सुपारी दी थी। यह खुलासा एसएसपी रवचरन सिंह बराड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। इसके बाद ही उसने आदमपुरा में जनसभा पर लक्खा को मारने के लिए गोलियां चला। ध्यान रहे कि जगसीर सिंह सीरा कभी लक्खा सिधाना का गहरा दोस्त था, मगर बाद में उनकी बिगड़ गई। इसके बाद जगसीर सिंह सीरा गुरप्रीत सिंह सेखों के संपर्क में आया व आमदपुरा गोलीकांड के बाद सेखों ने ही उसे अपने साथ पनाह दी। जगसीर सीरा व रणजोध सिंह सेखों के साथ उसके गिरोह में शामिल हो गए।

विधानसभा हलका रामपुरा के गांव आदमपुरा में 16 मई 2013 को ब्लॉक समिति व जिला परिषद चुनाव से तीन दिन पहले कांग्रेस व पीपीपी नेताओं की गांव आदमपुरा में चल रही जनसभा में अज्ञात लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसमें करीब 100 रौंद फायर हुए। इसमें पीपीपी नेता लखविंदर सिंह लक्खा सिधाना के चचेरे भाई जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सा की मौके पर मौत हो गई जबकि लक्खा सिधाना समेत जिला परिषद भाईरूपा जोन के कांग्रेस प्रत्याशी मलकीत सिंह के बेटे राजविंदर सिंह उर्फ राजू व कुलबीर सिंह उर्फ डीसी गोलियां लगने से गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। जख्मियों में प्रत्येक को तीन से ज्यादा गोलियां लगी थीं। इस घटना में .30 यूएस कारबाइन का भी इस्तेमाल हुआ था जो बेहद खतरनाक असलाह है।

ञ्च१८ अप्रैल २००८ को थाना नहियांवाला में बलात्कार का केस।

ञ्च२५ अगस्त २०११ को थाना दयालपुरा में असला एक्ट व मारपीट का केस।

ञ्च७ अक्टूबर २०११ को दयालपुरा में असला एक्ट व मारपीट का केस दर्ज।

ञ्च२१ दिसंबर २०११ को थाना नहियावाला में फिर मारपीट का केस दर्ज।

ञ्च१५ दिसंबर २०१२ को दयालपुरा थाना में असला एक्ट का केस दर्ज।

ञ्च३ दिसंबर २०१२ को थाना दयालपुरा में लूटपाट का केस दर्ज।

ञ्च५ अगस्त २०१२ को थाना किल्लेयांवाली में हथियारों के बल पर लूट का केस।

ञ्च३ मार्च २०१२ को थाना नहियांवाला में लूटपाट का केस।

-१ अप्रैल २०१३ को थाना फूल में इरादा कत्ल का केस।

-१६ मई २०१३ को हत्या व इरादा कत्ल का थाना दयालपुरा में केस दर्ज।

ञ्च१६ मई २०१३ को हत्या, आत्महत्या व असला एक्ट का केस दर्ज।

ञ्च७ अप्रैल २०१३ को थाना फूल में इरादा कत्ल व असला एक्ट का केस दर्ज।

ञ्च३ दिसंबर २०१२ को थाना दयालपुरा में लूटपाट का केस दर्ज।

ञ्च१६ अप्रैल २०११ को थाना कोटधरमू मानसा में असला एक्ट का केस दर्ज।

ञ्च९ दिसंबर २००९ को थाना नूरपुर बेदी रोपड़ में धोखाधड़ी का केस।

ञ्च१ अक्टूबर २००८ को सिटी रामपुरा में असला एक्ट व लूट की योजना बनाने का केस दर्ज।

ये वारदातें कीं

ञ्च8 दिसंबर २०११ को बठिंडा के थर्मल थाना क्षेत्र से शैवरले लूटी।

ञ्च3 मई २०१२ को राजस्थान के जिला नागौर के हाईवे पर व्यापारी से गाड़ी व नगदी लूटी। 

ञ्च२४ अप्रैल २०१२ मलोट के व्यापारी हरदीप जॉली का अपहरण, १० लाख रुपए फिरौती वसूली।

ञ्च5 मई 2012 राजस्थान के जिला जोधपुर के उदयमंदिर क्षेत्र से व्यापारी का अपहरण, फिरौती की मांग, फिर गाड़ी छीनकर छोड़ा। 

ञ्च१२ मई २०१२ लुधियाना के शिमलापुरी इलाके में शेयर व्यापारी संदीप कुमार के बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर ३० लाख फिरौती वसूली।

ञ्च३१ अगस्त २०१२ चंडीगढ़ के सेक्टर ३४बी में पकडऩे आई फिरोजपुर पुलिस पर फायरिंग।

ञ्च३ सितंबर २०१२ गोनियाना रोड पर हांडी रेस्टोरेंट के बाहर इनोवा को गनप्वाइंट पर लूटा। 

gurpreet singh sekhon inter state gang kota 20

Bathinda Police Nabs A 4-Member Inter-State Gang, Recovers 8 Weapons

5 Dariya News

Bathinda , 03 Oct 2013

In a meticulously planned operation, the Bathinda police has nabbed four members of an inter-state gang indulged in various cases of dacoity, murder, supari killing, robberies, vehicle snatching (luxury cars mainly) and possessing illegal weapons and recovered 8 firearms from them.Disclosing this here today, Mr. Ravcharn Singh Brar, SSP Bathinda informed that today in the early hours of morning at 4:30, the Bathinda police started an operation based on specific source input. Various teams were constituted keeping in mind the topography and crop sown in the fields. The force was mobilized under the direct command of SSP in which various teams were constituted headed by SP (Detective) Naveen Singla, SP (Operations) Bhupinder Singh & CIA In-charge Jagdeesh Kumar.
He said that the operation which lasted around 5.1/2 hours was carried out in a house located in Jagha Ram Tirath, Jumber Basti, Talwandi Sabo, Bathinda. The gangsters took the shield of women & children inside the house. The effectiveness of the operation forced the Culprits to surrender without a single fire being shot. This was an inter-state gang that has been involved in various cases of dacoity, murder, supari killing, robberies, vehicle snatching (luxury cars mainly) and possessing illegal weapons. The gang was evading arrests within the state and also other states.He revealed that this gang has operatives in various jails from where the take information about their target. One such example was the recent case where this gang made an attempt on the life of Lakha of village Sidhana PS Dialpura in Bathinda. This gang has been notorious for deadly Inter-gang rivalry.  A Case FIR No.207 dated 03/10/2013 u/s 212, 216, 413, 420, 465, 467, 471 IPC & 25/54/59 Arms Act PS Talwandi Sabo has been registered against four persons namely Jagsir Singh @ Seera s/o Bhajan Singh r/o Sidhana, PS Phul, District Bathinda, Gurpreet Singh Sekhon s/o Jangir Singh r/o Mudki,  Ferozepur, Ranjodh Singh @ Jodha s/o Jagraj Singh r/o Kotha Guru Ka, Bathinda and Harjinder Singh @ Bittu s/o Smunder Singh r/o Jamber Basti, Jagah Ram Tirath, Bathinda. He pointed out that Harjinder Singh was providing  a hideout to this hardcore gang and himself also has a criminal background within and outside the state. He had been sentenced for 15 years and was presently on bail.
Mr. Brar further said that 2 Pistols .30 bore & 25 live cartridges, 2 Pistols .32 bore & 10 live cartridges, 1 Revolver .38 bore & 5 live cartridges, 2 Rifle DBBL 12 bore and 4 live cartridges and 1 Rifle .315 bore and 5 rounds have been recovered from the gangsters. Besides this, one Innova car with fake documents and Registration Number PB-029J-0085 has also been recovered.He said that further investigations were likely to reveal their state-wide operatives/nexus with various criminals. He also expressed confidence that more recoveries were also in the pipeline. The arrest of the above is going to solve and trace a large number of criminal cases within the state and the neighboring states, he added.
He informed that the list of Cases against Jagsir Singh @ Seera s/o Bhajan Singh r/o Sidhana, PS Phul, District Bathinda comprises FIR No. 17 dated 07/04/2013 u/s 307/34/120-B IPC & 25/27/54/59 Arms Act PS Phul, FIR No. 110 dated 03/12/2012 u/s 384/506 IPC PS Dialpura, FIR No. 46 dated 16/05/2013 u/s 302/307/382/148/149 IPC & 25/27/54/59 Arms Act PS Dialpura, FIR No. 106 dated 09/12/09 u/s 420/411/473/379/120-B IPC PS Noorpur Bedi, Ropar, FIR No. 128 dated 01/10/2008 u/s 399/402 IPC & 25/27/54/59 Arms Act PS City Rampura, FIR No. 28 dated 16/04/2011 u/s 307 IPC 25/27/54/59 Arms Act PS Kotdharmu, Mansa. Similarly the list of Cases of Ranjodh Singh @ Jodha s/o Jagraj Singh r/o Kotha Guru Ka, Bathinda includes FIR No. 82 dated 25/08/2011 u/s 341/323/336 IPC and 25/54/59 Arms Act PS Dialpura, FIR No. 97 dated 07/10/2011 u/s 336/506/148/149 IPC 25/27/54/59 Arms Act PS Dialpura, FIR No. 115 dated 15/12/12 u/s 25/54/59 Arms Act PS Dialpura, FIR No. 110 dated 03/12/12 u/s 384/506 IPC PS Dialpura, FIR No. 29 dated 18/04/2008 u/s 376/363/366/120-B IPC PS Nehianwala, FIR No. 163 dated 05/08/2012 u/s 392 IPC 25/54/59 Arms Act PS Killianwali, FIR No. 18 dated 03/03/2012 u/s 387/506/34 IPC PS Nehianwala, FIR No. 128  dated 21/12/2011 u/s 336 IPC PS Nehianwala, FIR No. 17 dated 01/04/2013 u/s 307/34 IPC PS Phul and an FIR No. 46 dated 16/05/2013 u/s 302/307/382/148/149 IPC & 25/27/54/59 Arms Act PS Dialpura. List of Cases of Gurpreet Singh @ Sekhon s/o Jagir Sing r/o Mudki, Ferozepur includes FIR No. 110 dated 26/05/2007 u/s 307, 452 IPC & 25/54/59 Arms Act PS City Moga, FIR No. 49 dated 15/05/2011 u/s 386, 342 IPC & 25/54/59 Arms Act PS Ghal Khurd, Moga, FIR No. 158 dated 24/11/2012 u/s 307/34 IPC & 25/54/59 Arms Act PS Ghal Khurd, Moga, FIR No. 159 dated 24/11/2012 u/s 392 IPC PS Ghal Khurd, Moga, FIR No. 21 dated 04/03/2013 u/s 66-A I.T Act & 506/120-B IPC PS Ghal Khurd.
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डोडा चूरा तस्कर को 10 साल कैद

 
भीलवाड़ा. डोडा चूरा तस्करी के एम मामले में पकड़े गए व्यक्ति को एनडीपीएस कोर्ट ने दस साल की कैद व एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले के अनुसार, काछोला पुलिस द्वारा 17 अगस्त, 2010 को गश्त के दौरान एक वैन पकड़ी गई। जिसमें 218 किलो डोडा चूरा 9 बोरियों में भरा पाया गया। ड्राइविंग कर रहा वैन मालिक वफात अली पुत्र बरकत अली बिसायती निवासी काछोला को मौके से पकड़ लिया गया था। विशिष्ट लोक अभियोजक प्रणवीर सिंह आसिया ने इस मामले में कोर्ट में 11 गवाह व 45 दस्तावेज पेश किए। वफात को दस साल की सजा व एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। साथ ही उसके दो साथी कैलाश धाकड़ रायती (बेगूं) व सप्लायर रमेश धाकड़ अनेड़ (सिंगोली-नीमच) को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। 

Tuesday, January 28, 2014

dinesh sindhi harish sindhi manappuram gold company manak chowk 14 pawan rathore ramganj mandi kota

भतीजे ने रची थी लूट की साजिश

 
पार्सल कंपनी मालिक के यहां जेवर के छह पार्सल व 60 हजार रुपए की लूट में था शाामिल 
छह बदमाश गिरफ्तार, चार पिस्टल, आठ कारतूस बरामद, जेवर को लॉकर में छुपा रखा था 
भास्कर न्यूज त्न जयपुर
जौहरी बाजार में गोपालजी का रास्ता के भारत पार्सल सर्विस में छह दिन पहले जेवरात से भरे हुए छह पार्सल और 60 हजार रुपए की हुई लूट का मंगलवार को माणक चौक पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस ने दो बदमाशों को लूट के आरोप में, जबकि चार को अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से चार पिस्टल, आठ कारतूस और लूटा गया माल बरामद कर लिया। गिरफ्तार हुए दो बदमाश इंजीनियरिंग छात्र की हत्या के आरोपी हैं जबकि एक का सांगानेर मणप्पुरम गोल्ड डकैती में हाथ था।
डीसीपी महेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि मुख्य सरगना जौहरी बाजार निवासी विवेक माहेश्वरी (24), भिंड -एमपी निवासी सौरभ जैन (23) को जेवरात के पार्सल लूट के आरोप में और ब्रह्मपुरी निवासी दिनेश सिंधी (26), मालवीय नगर निवासी किशोर सिंधी (24), छोटू पंडित (27), मनीष सैनी (25) को अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया। इनमें विवेक भारत पार्सल सर्विस के मालिक मनीष सोमानी का भतीजा है। सांगानेर में मणप्पुरम गोल्ड कंपनी की डकैती में शामिल दिनेश सिंधी बिहार से हथियार लाकर शहर में सप्लाई करता है। दिनेश ने एक माह पहले मानसरोवर थाने के हिस्ट्रीशीटर हरीश सिंधी को भी हथियार सप्लाई किए थे। सौरभ के परिजनों की मौत होने पर गोपालजी के रास्ते में रहने वाले उसके परिचित परिवार ने गोद लिया था। उसने दो महीने पहले उसी परिवार के जेवर चुराकर बेच दिए थे। उसे रामगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस वारदात में विवेक जैन ने सौरभ का साथ दिया था।
गोपाल जी के रास्ते में 22 जनवरी शाम साढ़े आठ बजे पिंक हाउस में भारत पार्सल सर्विस के कर्मचारी भाला रविदास व बंटी को पिस्तौल से धमका कर जेवरात से भरे हुए 6 पार्सल और 60 हजार रुपए लूट लिए थे। पुलिस को सौरभ जैन के किशनपोल बाजार में नेशनल गेस्ट हाउस में ठहरने का पता चला। पूछताछ में वारदात करना स्वीकार कर लिया। उसकी निशानदेही पर विवेक को गिरफ्तार किया गया। उसी ने दिनेश सिंधी से दो पिस्तौल खरीद कर लूट की वारदात को अंजाम दिया। इस वारदात में शामिल रामगंज मंडी कोटा निवासी पवन राठौड़ को विवेक ने बुलाया था। वह अपने हिस्से का लूट का माल लेकर फरार है।
छात्र की हत्या का भी है आरोप
विवेक ने लूट के जेवर, रूबी स्टोन को बैंक के लॉकर में छुपाए। वारदात में ली गई एक्टिवा को विवेक ने कोतवाली क्षेत्र से चुराई थी। दिनेश से पूछताछ में छोटू पंडित, किशोर सिंधी और मनीष सैनी को हथियार सप्लाई करना बताया। तीनों से एक-एक पिस्तौल व दो-दो कारतूस बरामद किए। इंजीनियरिंग छात्र की हत्या के आरोपी छोटू पंडित व मनीष सैनी तीन साल की जेल काट कर जमानत पर एक महीने पहले जेल से बाहर आए हैं। 

Jewel thief says he was ‘exposing inequality’

Jewel thief says he was ‘exposing inequality’

Mahesh Buddi TNN 


Hyderabad: The man who cleaned out a jewellery showroom and decamped with gold and gems worth Rs 6 crore last week walked into a TV studio and turned himself in on Monday. 
    G Kiran Kumar, a 23-year-old, said he wanted to become a pilot and was eager to send a message on growing social in
equality and corruption in India. Kumar said he stole the jewels to pay for his training and for a surgery on his polio-stricken cousin. 
    “I am fed up with the way the system is functioning. Politicians are thieves who loot us for five years and I became a thief just for a night to show the world the growing inequality,” Kumar, who is an intermediate pass, said. 
    Kumar walked into the TV studio on Monday and told the receptionist that he was the thief behind the heist. 
    “If given a chance, I can serve society better than any politician,” said Kumar, who has four brothers and a widowed mother to feed from the paltry money he earned working as a mason. “If you’re poor, no one cares about you. No one gave a damn about what I wanted to do in life,” said Kumar, underscoring how in India, the rich-poor divide has widened to an all-time high in urban areas, according to National Sample Survey findings. 

    “My cousin Anand needs money for a surgery. We tried to get help, but no one cared,” he told cops. Ten special teams of Hyderabad police were searching for professional offenders across the country, and were at a loss for words when asked about how two rookies pulled off a heist in a high security area close to the CM’s camp office. 
    Kumar took the police to his house in suburban Hyderabad and showed them the booty, neatly packed in a travelling bag.

Friday, January 24, 2014

sanjay agarwal pawan agarwal 01 poppy straw 64 tonne ndps

अंतरराज्यीय डोडा पोस्त तस्कर गिरफ्तार

भास्कर न्यूज। बहरोड़
पुलिस ने शुक्रवार को कस्बे के पुराना बस स्टैंड से डोडा पोस्त तस्कर को गिरफ्तार कर उसकी कार जब्त कर ली। आरोपी करीब छह महीने से फरार चल रहा था। थाना प्रभारी लाल सिंह यादव ने बताया कि कस्बे के इंद्रा कॉलोनी निवासी संजय अग्रवाल को मुखबिर की सूचना पर पुराना बस स्टैंड से गिरफ्तार कर कार जब्त कर ली। इसके खिलाफ मारपीट के मामले भी दर्ज हैं। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। पुलिस कार्रवाई के दौरान मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूत्रों के अनुसार छह माह पूर्व भिवाड़ी एएसपी अनिल कयाल के नेतृत्व में नीमराना के ईपीआईपी जोन स्थित एक बंद फैक्ट्री से पांच करोड़ रुपए का 64 टन डोडा पोस्त जब्त किया था। लेकिन आरोपी फरार हो गया था। उस दौरान मादक पदार्थों की तस्करी के मुख्य आरोपी संजय अग्रवाल के नाम से एक गाड़ी सहित अन्य सबूत भी मिले थे। आरोपी छह महीने से फरार चल रहा था। आरोपी संजय अग्रवाल व उसके भाई पवन अग्रवाल के खिलाफ मध्यप्रदेश, राजस्थान व हरियाणा में मादक पदार्थ तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। हरियाणा के कसौला चौक पर आरोपी के भाई पवन अग्रवाल को हरियाणा पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी एवं अवैध हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है, जो रेवाड़ी जेल में हैं। 

एमपी पुलिस ने भी दी थी दबिश : करीब दो साल पूर्व मध्यप्रदेश के मंदसौर थाना पुलिस ने भी संजय अग्रवाल सहित उसके साथियों को बहरोड़ से गिरफ्तार किया था। लेकिन आरोपियों के परिजनों ने अपहरण कर ले जाने की बात कहते हुए एमपी पुलिस से मारपीट की और आरोपियों को छुड़ा लिया।

बहरोड़. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी संजय अग्रवाल।

आरोपी छह महीन से था फरार, कार जब्त 

anandpal anuradha nechwa shivdutt badrinarayan modi banuda raju theth 21 23

शेखावाटी के पैसे वालों का अपहरण करने के लिए बनाई थी गैंग

 
: पुलिस के अनुसार बदमाशों के गैंग में शामिल पहली महिला है।
: महिला को शनिवार को नेछवा पुलिस लेकर आएगी।
: शेयर मार्केट में घाटा लगने के बाद बदमाशों से संपर्क किया था।
: सुजानगढ़ के बद्रीनारायण मोदी का अपहरण करने की योजना बनाई। मोदी को भी महिला ने कई बार फोन कर जाल में फंसाया था। 
वही कारतूस जो शिवदत्त की गाड़ी में मिले थे
महिला के पास डीडवाना पुलिस को वही कारतूस मिले हैं जो पुलिस को शिवदत्त की गाड़ी में मिले थे। उस दुर्घटना में उसका एक हाथ भी टूट गया था जिसमें अभी भी रॉड डली हुई है। वह अपने साथियों के साथ वहां से निकली और किसी निजी अस्पताल में इलाज कराया। डीडवाना में पकड़ी गई गाड़ी भी वही है जो शिवदत्त के मारे जाने के बाद मौके से महिला व उसके साथियों को लेकर गई थी।
पेशी के दौरान आनंदपाल पर हमले की आशंका थी, इसलिए सुरक्षा देने के लिए गए थे डीडवाना
अनुराधा व उसके साथी शुक्रवार को पेशी के दौरान आनंदपाल को सुरक्षा देने के लिए डीडवाना गए थे। इनको आंशका है कि विरोधी गिरोह आनंदपाल पर हमला कर सकता है। इस कारण ये लोग हथियार लेकर कोर्ट से बाहर गाडिय़ों में बैठे थे। महिला इसलिए वहां मौजूद थी कि किसी को शक न हो।
राजू ठेहट व बानूड़ा से भी किया था संपर्क
अनुराधा ने शेयर मार्केट में घाटा लगने के बाद उसकी भरपाई के लिए बदमाशों से संपर्क किया था। पहले से सुने नामों के आधार पर उसने राजू ठेहट व बलबीर बानूड़ा से भी संपर्क किया था। बाद में बानूड़ा ने ही उसे आनंदपाल के पास भेजा था। 
नगर संवाददाता.सीकर.
डीडवाना में पकड़ी गई डकैत शिवदत्त की साथी महिला ने पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने धौलपुर के बदमाशों के साथ मिलकर एक गैंग बनाई थी। इन्होंने ये तय किया था कि वे शेखावाटी से पैसे वालों का अपहरण करेंगे और धौलपुर ले जाकर फिरौती मांगेगे। शिवदत्त की मौत के कारण ये वारदातें नहीं कर पाए। इसके लिए इन दिनों इनकी दुबारा तैयारी भी चल रही थी। लोगों को जाल में फंसाने की जिम्मेदारी अलफसर निवासी अनुराग उर्फ अनुराधा को ही दी गई थी। ये गिरोह यूपी व हरियाणा में भी सक्रिय रहा है। पुलिस का कहना है कि किसी भी बदमाशों की गैंग में शामिल यह पहली महिला है।

उधर एक और बड़ा खुलासा हुआ है कि भरतपुर की सेवर जेल प्रशासन ने कुख्यात अपराधी आनंदपाल से मिलने के लिए महिला को जेल के अंदर तक भेज दिया। दो बार महिला जेल में आनंदपाल से एकांत में मिलकर आ गई। यह बात महिला ने पूछताछ में कबूली है। आनंदपाल से मिलने के बाद ही उसने डकैत शिवदत्त की जमानत करवाई और वे व्यापारी का अपहरण करने के लिए सीकर आए। उधर डीडवाना पुलिस ने शुक्रवार को महिला व उसके साथी को कोर्ट में पेश किया जहां से महिला को जेल भेज दिया गया व उसके साथी की जमानत हो गई।

पुलिस के मुताबिक अनुराधा ने कबूला है कि उसने शेयर मार्केट का घाटा पूरा करने के लिए बदमाशों से संपर्क करना शुरू किया था। वह लक्ष्मणगढ़ में स्थित अपने एक प्लाट को बेचना चाहती थी लेकिन उस पर कब्जे का विवाद था ऐसे में बदमाशों का सहयोग लेना जरूरी हो गया था। उदनसरी निवासी कुलदीप कुल्हरि उसे आनंदपाल से मिलवाने सेवर जेल ले गया था। वहां उसने अंदर जाकर आनंदपाल से मुलाकात की। कुछ दिन बाद वह दुबारा सेवर जेल गई और आनंदपाल के गिरोह में शामिल हो गई। इसके बाद धौलपुर के डकैत शिवदत्त की जमानत करवाई और सुजानगढ़ के बद्रीनारायण मोदी का अपहरण करने की योजना बनाई। मोदी को भी महिला ने कई बार फोन कर अपने जाल में फंसाया था। लेकिन मोदी का अपहरण करने की कोशिश में गाडिय़ां भिड़ गई और डकैत शिवदत्त व मोदी की कार का ड्राइवर मारे गए। उल्लेखनीय है कि पांच दिसंबर को नेछवा के पास व्यापारी का अपहरण करने की फिराक में धौलपुर का डकैत शिवदत्त मारा गया था। उसके साथ अनुराधा भी थी जो मौके से फरार हो गई। 
डीडवाना में पकड़ी गई डकैत की साथी अनुराधा ने पूछताछ में कबूला

दो बार भरतपुर की सेवर जेल में अंदर तक जाकर आनंदपाल से की थी मुलाकात, किसी को नहीं होती है अंदर जाने की अनुमति, सुरक्षा प्रहरियों की मदद से हो पाई मुलाकात 

shivdutt thakur anuradha choudhary anandpal ajeet thakur dholpur badrinarayan modi 21 23

Tuesday, January 21, 2014

suratgarh car theft 13

मालिक की गर्दन पर कापा रखकर लूटी कार

 
सूरतगढ़ के नए बस स्टैंड पर बदमाशों ने की दिन में वारदात 
सूरतगढ़. पुलिस द्वारा पकड़े गए कार लुटेरे और लुटेरों से जब्त की गई कार। 
ठ्ठ सिटी पुलिस ने पीछा कर सैनी गार्डन के पास दबोचा
ठ्ठ तीनों बदमाश बठिंडा के रहने वाले
ठ्ठ एक के पास से बरामद हुई चार ग्राम स्मैक 
स्मैक पीने के आदी हैं युवक
सीआई ने बताया कि तीनों युवक स्मैक पीने के आदी हैं। नशे के लिए ये वारदात करते हैं। पूछताछ व तलाशी के दौरान राजेश के कब्जे से चार ग्राम स्मैक बरामद हुई है। कार लूट की वारदात से पूर्व तीनों युवकों ने श्रीविजयनगर से एक बाइक चोरी की और उसी पर सवार होकर रविवार रात सूरतगढ़ आए। पुलिस ने मौके पर मिली बाइक को जब्त कर लिया है।
भास्कर न्यूज त्नसूरतगढ़
नए बस स्टैंड पर सोमवार को तीन बदमाशों ने दिनदहाड़े एक वाहन मालिक की गर्दन पर कापा रखकर कार लूट ली। इसके बाद बदमाश कार लेकर आसानी से भाग निकले। वारदात के बाद एरिया में सनसनी फैल गई। हालांकि सूचना के बाद सिटी पुलिस ने तीनों बदमाशों को सैनी गार्डन के पास दबोच लिया। तीनों बदमाश बठिंडा के रहने वाले हैं। वे कार लेकर पंजाब भागने की फिराक में थे। पुलिस ने कार मालिक आवासन मंडल कॉलोनी निवासी नरेंद्रकुमार लोहमरोड़ की रिपोर्ट पर तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
नरेंद्र ने बताया कि वह सुबह 11 बजे जीजा विनोदकुमार को लेने बस स्टैंड आया था। कार को बस स्टैंड की दीवार के पास खड़ी कर वह अंदर बैठा था। इस दौरान तीन युवक आए और अजमेर से आने वाली बस के बारे में पूछा। इस दौरान एक युवक कार में बैठ गया और उसकी गर्दन पर कापा रख गाड़ी स्टार्ट करने को कहा। किसी प्रकार जद्दोजहद कर वह कार से बाहर निकला। तभी बाहर खड़े दोनों युवक कार में बैठे और गाड़ी लेकर भाग निकले। थानाप्रभारी रणवीर सांई ने बताया कि सूचना पर नाकाबंदी कराई गई। लुटेरों को पकडऩे के लिए एएसआई पूर्णसिंह, कैलाश मीणा, कांस्टेबल सज्जनकुमार व आत्माराम जीप से निकले। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ बाइपास पर सैनी गार्डन के निकट लुटेरों ने पुलिस को पीछे आते देख कार को तेजी से भगाया। इसके बाद पुलिस ने जीप आगे निकालकर कार के आगे लगा दी। पुलिस को सामने देख बदमाश भागने का प्रयास करने लगे।
इस पर सिटी व सदर पुलिस के जाब्ते ने घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया। इस दौरान पुलिस जीप का आगे का हिस्सा व कार की खिड़की के नीचे का हिस्सा टूट गया। सीआई ने बताया कि थाने में पूछताछ के दौरान बदमाशों ने अपने नाम कर्मजीतसिंह सोनी (28), बलजीतसिंह मजबी (27) व राजेशकुमार धोबी (25) निवासी बठिंडा बताया। तीनों युवक रात को इंदिरा सर्किल पर बने एक होटल पर रुके थे। सीआई ने बताया कि अन्य वारदातों की पूछताछ के लिए उन्हें मंगलवार को रिमांड पर लिया जाएगा। 

duplicate medicine 20

तो क्या रैबीज के नकली इंजेक्शन बिक रहे हैं?

 
सबकी अपनी दलील 
अब दवा कारखाने तक पहुंचने में तीन बड़ी अड़चन 
7 महीने में 395 बार बात हुई राहुल और दीपक की 
क्षेत्र, समय और मात्रा से अनजान 
कोटा पुलिस की अब तक की कार्रवाई 
१७ साल में नहीं बनाई इतनी मोटी फाइल 
तीन जिलों का मामला, सरगना अब भी फरार 
नकली दवा मामले में हुआ था खुलासा, लेकिन अब तक नहीं हुई जांच, भास्कर ने पड़ताल की कि कहां हो रही है लापरवाही 
उदयपुर पुलिस के पास नकली दवा मामले का मामला पेंडिंग नहीं है। पुलिस ने न्यायालय में मामले में चालान पेश कर दिया है। - अजयपाल लांबा, उदयपुर एसपी 
हां, उस वक्त ललित अजरिया, सुभाषचंद्र और सुनिल मित्तल को उदयपुर में छापा मारने के लिए नियुक्त किया था। हमने साक्ष्य जुटाने की अपनी पूरी कोशिश की थी। बाद में क्या हुआ उसका मुझे पता नहीं। - डीके शृंगी, तत्कालीन स्टेट ड्रग कंट्रोलर 
13 दिसंबर 12 को दर्ज हुआ था कोटा में मुकदमा 
1000 पन्नों की हो चुकी है फाइल। 
कोटा पुलिस ने पूरी गंभीरता से जांच कर रही है। जल्द ही कारखाने के सरगना को सलाखों के पीछे पहुंचाकर रहेगी। कोटा पुलिस के जवान मोहम्मद इमरान और दयाराम आज भी आगरा में आरोपियों को पकडऩे के लिए लगातार काम कर रहे हैं। - हरिचरण मीणा, सीआई कोतवाली 
401 दिन की हो चुकी है कोटा पुलिस की जांच। 
ड्रग कंट्रोल विभाग की लापरवाही के चलते पुलिस जांच प्रभावित हो रही है। असली और नकली का भेद मालूम नहीं पडऩे से पुलिस किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही। यह भी पता नहीं लगा पा रही कि शहर में रैबीज के इंजेक्शन कौन से क्षेत्र में, कितनी मात्रा में बिके और किस-किस ने किस-किस से खरीदे। 
1. मूल दस्तावेज नष्ट करना
नकली दवा की बात सामने आने के बाद ड्रग कंट्रोल विभाग के हैड ऑफिस जयपुर से कोटा, जयपुर और उदयपुर के लिए तीन टीमें गठित की गई। लेकिन, पुलिस का कहना है कि उदयपुर की ड्रग टीम की लापरवाही से भैया मेडिकल स्टोर से दवा के स्टॉक, बिल और आवक-जावक का पूरा रिकॉर्ड नष्ट कर दिया गया। जो पुलिस को नहीं मिल पाया। कम्प्यूटर से भी रिकॉर्ड को उड़ा दिया गया।
2. सीडी का नहीं खुलना
कोटा पुलिस के हाथ कुछ सीडी लगी हैं, जिससे पुलिस को काफी आशाएं हैं। लेकिन, सीडी का डाटा रिकवर नहीं हो पा रहा। पुलिस ने तीन बार कोशिश करने के बाद अब सीडी एफएसएल के सुपुर्द की है। इसमें कई राज दफन हैं।
3. कमजोर अभियोजन पक्ष
कोटा पुलिस ने राहुल को कोर्ट में पेशकर 4 दिनों का रिमांड मांगा। लेकिन, कोर्ट ने पुलिस को साक्ष्य के अभाव में रिमांड लेने की स्वीकृति ही नहीं दी। अगर, उदयपुर पुलिस साक्ष्य जुटा लेती तो कोटा पुलिस को यहां भी सफलता मिल जाती। 
ञ्च 2012 में 1 जून से दिसंबर तक की कॉल डिटेल निकाली।
ञ्च 2012 और 2013 में राहुल जहां-जहां ठहरा, सभी होटलों के बिल कलेक्ट किए।
ञ्च उदयपुर के भैया मेडिकल स्टोर के पड़ोसी एवं दूसरे कई व्यापारियों के बयान लिए।
ञ्च राहुल आने-जाने में जिस ट्रैवल्स का यूज करता था, उस नंदू ट्रैवल्स के बयान। 
कोटा पुलिस: कोटा पुलिस ने मुख्य आरोपी राहुल गर्ग को आगरा से गिरफ्तार किया। उसके बाद मोहित, कपिल, देवेश को गिरफ्तार कर लिया। इसके लिए पुलिस को कई-कई सप्ताह आगरा और उदयपुर में आरोपियों की तलाश करनी पड़ी। कोटा पुलिस का यह भी मानना है कि जल्द ही उस कारखाने तक पुलिस पहुंच जाएगी, जहां दवाइयां बनती थी। 
जयपुर पुलिस
मुखबिर की सूचना पर सबसे पहले जयपुर पुलिस ने उदयपुर की सप्लायर भैया मेडिकल स्टोर के मालिक दीपक अग्रवाल को जयपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया। यह मामले की सबसे पहली गिरफ्तारी थी। फिर कोटा पुलिस की गिरफ्त से जयपुर पुलिस आरोपी राहुल को ले गई है और एक-एक करके सभी आरोपियों को जयपुर ले जाकर पूछताछ कर रही है। 
किससे हुई बात कितनी बार हुई कितने समय हुई
दीपक ने की राहुल से 203 कॉल्स 15,877 सेकंड
राहुल ने की दीपक से 192 कॉल्स 13,567 सेकंड
राहुल ने की देवेश से 81 कॉल्स 4,385 सेकंड
देवेश ने की राहुल से 89 कॉल्स 3,213 सेकंड 
उदयपुर पुलिस
प्रकरण में उदयपुर पुलिस सबसे अहम रोल अदा कर सकती थी, लेकिन लापरवाही देखिए, औषधि नियंत्रक विभाग द्वारा परिवाद पेश करने के बावजूद पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। विभाग के हैड ऑफिस जयपुर और उदयपुर एसपी के दखल के बाद उदयपुर पुलिस ने मामला दर्ज किया। जिसके बाद अभी तक उदयपुर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 
कपिल 
समकित जैनत्न कोटा
पिछले कुछ वर्षों में आपके किसी परिचित ने कुत्ते या बंदर के काटने पर रैबीज का इंजेक्शन लगवाया है, तो एक बार जांच जरूर करवा लें। हो सकता है इंजेक्शन नकली हो। यह खतरा तब और भी बढ़ जाता है, जब एक साल पहले पुलिस की चेतावनी के बावजूद ड्रग कंट्रोल विभाग इन इंजेक्शन को जांच ही नहीं पाया। मुश्किल यह है कि पुलिस भी केवल इतना ही पता लगा पाई कि शहर में रैबीज के नकली इंजेक्शन बेचे गए, लेकिन कब से कब तक, कितनी मात्रा में और कितने लोगों को ये उपलब्ध करवाए गए, ये जानकारी लाख कोशिश के बावजूद नहीं मिल पाई है। 2012 में डूफास्टोन नाम की नकली दवा बिकने का प्रकरण सामने आया था। दो साल बाद कोटा पुलिस मामले में 5 आरोपियों को पकड़ चुकी है, लेकिन नकली दवा गिरोह के सरगना तक अब भी नहीं पहुंच पाई है।
दो साल पहले शक, फिर सबूत: 2012 में एबोट इंडिया लिमिटेड कंपनी की टेबलेट डूफास्टोन नाम से पूरे प्रदेश में नकली दवा बिकने का मामला आया था। तब कोटा पुलिस को प्रथम दृष्टया शहर में रैबीज के नकली इंजेक्शन बिकने का शक हुआ था। पुलिस ने 9 फरवरी 2013 को ड्रग कंट्रोल विभाग को पत्र लिखकर कोटा में बिक रहे रैबीज के इंजेक्शनों की जांच करने के लिए कहा। लेकिन, विभाग ने आज तक इनकी किसी प्रकार की कोई जांच ही नहीं की। अब जब 8 जनवरी 2014 को कोटा पुलिस ने नकली दवाइयों की आपूर्ति करने वाले मुख्य आरोपी राहुल गर्ग को आगरा से गिरफ्तार किया। तब पूछताछ में राहुल ने रैबीज के इंजेक्शन काफी मात्रा में सप्लाई करना कबूला। जिससे पुलिस का शक पुख्ता हो गया, लेकिन पुलिस अभी तक यह पता ही नहीं लगा पाई की शहर में रैबीज के नकली इंजेक्शन बिक भी रहे हैं अथवा नहीं। 
देवेश 
राहुल 
मोहित, देवेश और कपिल दवा की सप्लाई राहुल को और वह दवा विक्रेताओं तक पहुंचाता था। दवा बनाने वाला अभी तक फरार है। 
मोहित 
गिरोह का सरगना
सीआई हरिचरण मीणा का कहना है उनकी १७ साल की नौकरी में यह पहला केस है जिसमें इतनी मोटी फाइल बन गई है, फिर भी जांच खिंचती जा रही है।
इन्वेस्टिगेशन
भास्कर 

four vehicle lifter 27 sonu @ surendra singh chouhan anees goverdhan vilas

सेंट्रल जेल से मिलने वाले ऑर्डर पर चुराते थे वाहन, डिलीवरी होती जोधपुर में

 
उदयपुर, प्रतापगढ़ और एमपी में भी की चोरी 
ऐसे चल रहा था गिरोह 
अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के तीन बदमाश पकड़े 
नगर संवाददाता त्न उदयपुर
सूरजपोल पुलिस और स्पेशल टीम ने सोमवार को अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के तीन बदमाशों को पकड़ा है। उदयपुर की सेंट्रल जेल में बंद बदमाशों के निर्देश पर ये बदमाश वाहन चुराते थे। सेंट्रल तक जोधपुर से ऑर्डर आता था और डिलीवरी भी वहीं होती थी। खास बात यह भी है कि ऑर्डर में वाहन की खूबियां पहले ही बता दी जाती थीं।
एसपी अजयपाल लाम्बा ने बताया कि इस मामले में सवीना कच्ची बस्ती निवासी सोनू सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह चौहान, इन्द्रा कॉलोनी गोवर्धन विलास निवासी अशफाक पुत्र इस्माइल खां और नांदवेल, डबोक निवासी विनोद पुत्र देवीलाल प्रजापत को गिरफ्तार किया है। ये बदमाश आईओसी डिपो, रेलवे पुलिया के पास कार का इंजन लेकर खड़े थे। इस गिरोह में शामिल जेल में बंद कैदी के नाम भी सामने आए हैं, इन्हें भी गिरफ्तार कर पूछताछ करेंगे।
डीएसपी गोवर्धन लाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी जावरा, एमपी से चोरी की गाड़ी के इंजन को बेचने की फिराक में थे। सोनू ने पुलिस को बताया है कि गाड़ी चोरी के बाद वह अशफाक के साथ मिलकर उसे बेचता था। विनोद भी कुछ दिनों से अशफाक के साथ यही काम कर रहा था। आरोपियों ने भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ और मध्यप्रदेश से गाडिय़ां चोरी की हैं। अधिकतर गाडिय़ां जोधपुर में बेची हैं। चोरी की गाडिय़ों को बेचने में इन्हें 40 से 50 हजार रुपए मिल जाते थे। यह कार्रवाई डीएसपी गोवर्धन लाल के नेतृत्व में थानाधिकारी बोराज सिंह भाटी, एसआई रामनारायण और स्पेशल पुलिस के हेड कांस्टेबल इतवारी लाल, कांस्टेबल बुधनारायण, अखिलेश्वर, सुखदेव, जगदीश, धर्मेन्द्र, तेज सिंह, फतह सिंह, मेहताब सिंह की टीम ने की।
: 8-9 महीने पहले भीलवाड़ा से 14 किमी पहले एक गांव से काले रंग की सफारी (नंबर एम.एच. 34-0007 ) चोरी की।
: भीलवाड़ा सब्जी मंडी के पीछे खड़ी सफेद रंग की बोलेरो चुराई।
: प्रतापगढ़ से मंदसौर हाईवे स्थित ढाबे पर खड़ी सफेद रंग की बोलेरो चोरी की।
: जावरा, एमपी स्टेशन की पार्किंग से बोलेरो चोरी की, जिसे बाद में अशफाक के साथ मिलकर काट दी।
: जावरा, एमपी स्थित हुसैन टेकरी से लाल रंग की बोलेरो चोरी की।यह गाड़ी रणकपुर घाटे में पलटी खा गई थी, जिसे वहीं छोड़ दिया।
: रतलाम नीम चौक से मेजर जीप चुराई।
: राजसमंद के एक व्यक्ति ने चोरी की बोलेरो सोनू को दी, जिसे नागौर में बेची।
: भीलवाड़ा सब्जी मण्डी के पास एक कॉलोनी से सफेद रंग की बोलेरो चोरी की।
: उदयपुर में अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के तीन बदमाश गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि गिरोह का सरगना अनीस जेल में बैठ कर सोनू से गाडिय़ों की चोरी करवाता था। सोनू और अनीस पड़ोसी हैं। सोनू पुरानी गाडिय़ों का कबाड़ी है। सोनू अनीस के लिए काम करता है। अनीस और जेल में बंद एक अन्य कैदी जोधपुर में किसी पार्टी से बात करते थे। पार्टी मॉडल बताती थी। अनीस सोनू को फोन कर गाड़ी का मॉडल बताता था। सोनू रैकी करता था और मास्टर चाबी बनवाता था। चोरी के बाद अशफाक के साथ मिलकर बेचते थे। अनीस के बताए अनुसार ही आरोपी गाड़ी पार्टी तक पहुंचाने के लिए जोधपुर जाते थे। सोनू नौ महीनों से गाड़ी चोरी कर रहा था। 

Saturday, January 18, 2014

loonaram meghwal sataram jat kishanaram jat ps gida dsp amrit jeengar i sukhram bishnoi 04 m/c theft

16 बाइक बरामद, ३ गिरफ्तार 

भास्कर न्यूज़. बालोतरा
पुलिस ने शनिवार को तीन आरोपियों के एक बाइक चोर गिरोह का खुलासा करते हुए 16 चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बालोतरा शहर से 30 मोटरसाइकिलें चोरी करना कबूल किया है। शुक्रवार को एसपी हेमंत शर्मा ने भी थाने के निरीक्षण के दौरान स्थानीय पुलिस अधिकारियों को बढ़ती चोरी पर नियंत्रण और चोरों का पता लगाने का निर्देश दिया था।
एसपी शर्मा के निर्देशानुसार बालोतरा डीएसपी अमृत जीनगर व सीआई सुखाराम विश्नोई के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने मुखबिरों की सूचना पर संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी रखी। आखिर शनिवार को इस गिरोह में शामिल में आरोपी लूणाराम मेघवाल निवासी स्वामीजी की झख पुलिस थाना गिड़़ा, सताराम जाट निवासी रामपुरा पुलिस थाना गिड़ा व किशनाराम जाट निवासी केशूला महेचान पुलिस थाना गिड़ा को दस्तयाब किया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने शहर से करीब 30 मोटरसाइकिलें चोरी करना कबूला। वहीं आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने चोरी हुई 16 मोटरसाइकिलें बरामद की। टीम में डीएसपी व सीआई के नेतृत्व में एएसआई रावताराम, कांस्टेबल राकेश कुमार, जसाराम शामिल थे। गिरफ्तार हुए गिरोह के सरगना लूणाराम पर पूर्व में भी बालोतरा व बाड़मेर के थानों में कई मामले दर्ज हैं। आरोपियों को रविवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा 

nia terror

Since five years National Investigation Agency has wrapped up only one case

Thursday, Jan 16, 2014, 17:54 IST | Place: Delhi | Agency: IANS
India's federal anti-terror agency, the National Investigation Agency (NIA), has completed five years but managed to successfully prosecute only one case. Experts say the top agency needs advanced scientific techniques and more courts for speedy disposal of cases.
India's federal anti-terror agency, the National Investigation Agency (NIA), has completed five years but managed to successfully prosecute only one case. Experts say the top agency needs advanced scientific techniques and more courts for speedy disposal of cases.
"The record of the agency reflects that it has done too little as compared to the tall claims that were made when it was set up five years ago," senior advocate Aman Lekhi told IANS.
The agency was set up on Jan 18, 2009, in the wake of the 26/11 Mumbai terror attack with the government realising the need for a central agency to combat terrorism.
NIA was created by an act of the parliament for investigating and prosecuting offences affecting the sovereignty, security and integrity of India and plays the role of the national counter-terrorism law enforcement agency.
Radha Vinod Raju was its first director-general.
So far, it has only managed to achieve a legal conclusion in the case of a bomb blast at a bus depot in Kozhikode in Kerala in 2006. Two accused, including Lashkar-e-Taiba militant T. Naseer, have been sentenced to life imprisonment.
According to Lekhi, the NIA has "failed" to do its job.
"We need more courts to exclusively hear NIA cases. This is the only way to solve the pending cases. But it can only achieve legal conclusion if NIA efficiently probes the cases," Lekhi said.
The advocate feels the much-hyped agency has suffered due to "lack of systematic updates" on terror outfits.
NIA is investigating over 72 cases across the country, including last year's Hyderabad blasts in which 18 people were killed and over 100 injured and the multiple Bodh Gaya blasts in which five people, including two monks, were injured.
It is also handling the 2011 Delhi High Court blasts, the David Coleman Headley connection to the Mumbai attack, the Malegaon bombings of 2006 and 2008 and the Samjhauta Express terror attack of 2007.
The arrests of Lashkar-e-Taiba operatives Yaseen Bhatkal and Abu Jundal are its top catches.
It has filed charge-sheets in around 30 cases till date.
Well-known criminal advocate and Bhatkal and Jundal's counsel M.S. Khan has demanded the introduction of advanced scientific technology during the investigation of terror cases.
"First of all, the probe agency has to identify what technology it needs. Such cases have international links. Therefore the use of advanced and modern technology will help in solving the cases fast," Khan told IANS.
Over the past several years, India has been the victim of large-scale terrorism, mostly sponsored from across the borders.
"There have been innumerable incidents of terror attacks and bomb blasts. As most of the cases have complex inter-state and international linkages it takes time to link all the angles," a senior NIA official told IANS, pleading anonymity.
The NIA has to also probe the possible connection of smuggling of arms and drugs and circulation of fake Indian currency with terror financing.
NIA counsel Ahmad Khan said that due to international linkages in the terror cases, they take a long time to investigate and achieve a legal conclusion.
"As there is no any specific court that can hear terror-related matter on a daily basis, the trial takes more time. So far only one case pertaining to a bomb explosion at a bus depot in Kozhikode has been disposed off," Khan told IANS.
However, witnesses' statements are being recorded in many cases, including that related to the Delhi High Court blasts, he added.
He demanded that exclusive courts be set up to deal with NIA cases.
"At present there are 38 Special NIA Courts. These courts have to look after other cases too. Hence, it causes more delays," Khan said.
Well-known criminal lawyer Mahmood Pracha said NIA was formed with the aim of making it a thoroughly professional investigative agency matching the best international standards.
"But, like other agencies, it is working on the same track and has failed to use advanced scientific technology, which is a major setback of NIA in solving its cases," Pracha added.

ncb mumbai drug racket ketamine nigerian

Narcotic Control Bureau bust drug racket in Mumbai

Ahmed Ali, TNN Jan 17, 2014, 10.44PM IST
MUMBAI: The Narcotic Control Bureau (NCB) have busted a unique modus operandi of the two Nigerians and Mozambian national who were trying to smuggle huge quantity of Ketamine through courier. Trio have been booked under NDPS act and police are trying to find the quantity and source of the ketamine.
Acting on the specific information the NCB raided a courier service in South Mumbai and arrested three persons who had come to deliver the contraband secretly soaked in two towels. We had specific information that these set of people will be coming to send the parcel containing few towels to Australia through courier. After keeping a vigil we detained them when they handed over the parcel.'' Said an official. Initially sleuths after thoroughly checking failed to trace the powder until they got some smell from the towels.

During the probe it was transpired that the accused had cleverly made the ketamine solution by adding some liquid and they soaked the towels inside the solution and dried them carefully. After drying the towels look normal and nobody could make out ketamine was very cleverly concealed in it. We have send the samples to the Lab to extract the ketamine from the towel.'' Added a NCB official.

adv ragini sharma 27

डीवायएसपी को मैंने बयान ही नहीं दिए

 
धोखाधड़ी पर महिला वकील नामजद 
दुष्कर्म मामले से नाम हटवाने के लिए पुलिस से सांठ-गांठ के नाम पर मांगे थे रुपए 
उदयपुरत्नगोवर्धन विलास थाना पुलिस ने महिला वकील पर धोखाधड़ी कर चार लाख रुपए ऐंठने का मामला दर्ज किया है। वकील ने यह राशि दुष्कर्म के मामले में एक युवती का नाम हटवाने की एवज में ली थी। बाद में पता चला कि रिपोर्ट में युवती का नाम ही नहीं था। पुलिस ने धारा 384/420 में मामला दर्ज कर लिया है।
गोवर्धन विलास थाने के एसएचओ रोशनलाल ने बताया कि ताराचंद कुलदीप पुत्र तुलसीराम निवासी पीपी सिंघल मार्ग ने वकील रागिनी शर्मा के खिलाफ यह मामला दर्ज करवाया है। रिपोर्ट के अनुसार जितेंद्र कुमार पर दुष्कर्म का आरोप है। ताराचंद की बेटी और जितेंद्र एक-दूसरे से परिचित हैं। दुष्कर्म के मामले में पुलिस पूछताछ में युवती को भी बुलाया था। इससे परिवारजन घबरा गए। उन्होंने इस मामले में युवती का नाम हटवाने के लिए जोड़-तोड़ शुरू कर दी। इसी दौरान वकील रागिनी शर्मा इनके संपर्क में आई। उसने यह काम करवाने के लिए चार लाख रुपए मांगे। उसका कहना था कि साढ़े तीन लाख रुपए उसे पुलिस में देने होंगे। प्रार्थी के मुताबिक यह रकम उसने चार किश्तों में दी। प्रकरण का खुलासा हुआ तो पता चला कि युवती का नाम मामले में था ही नहीं। 
उदयपुर त्न रुपयों के लेन-देन में धोखाधड़ी के जांच अधिकारी डीवायएसपी गोवर्धन लाल खटीक की तफ्तीश में संलग्न बयान को नोटरी अलका जोशी ने फर्जी बताया है। नोटरी ने एसपी को बताया कि उन्होंने डीवायएसपी को कोई बयान नहीं दिए। जो लिखावट उसकी बताई गई, वह और हस्ताक्षर, मुहर भी फर्जी हैं। अलका का पक्ष सुनकर एसपी ने निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि अलका जोशी ने अनिल अग्रवाल, मनोज शाह, विनोद पगारिया व अजय जैन के खिलाफ एक परिवाद एसपी के समक्ष पेश किया था। इसमें उसने बताया कि हाथीपोल खटीकवाड़ा निवासी संतोष नीमावत ने एक एफआईआर चारों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में सूरजपोल थाने में दर्ज कराई थी। नीमावत ने अनिल अग्रवाल से 5 लाख रुपए उधार लिए थे। इसके बदले खाली चेक, प्लॉट की रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेज रखे गए। आरोपियों ने खाली चेक पर अधिक राशि भरकर नीमावत को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया था। इसकी जांच डीवायएसपी गोवर्धन खटीक ने की थी। जांच अधिकारी ने नीमावत की रिपोर्ट पर एफआर लगा दी थी। नीमावत ने सूचना का अधिकार कानून के तहत जांच कार्यवाही के कागजात प्राप्त किए जिसमें नोटरी अलका जोशी के बयानों के आधार पर एफआर लगाना पाया गया।
धोखाधड़ी : उत्तरी सुंदरवास निवासी शशि पत्नी गौरीशंकर पटेल ने रूपाबाई पत्नी भैरा गाडरी सहित चार जनों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्लॉट पर कब्जा करने का मामला दर्ज कराया है। उधर, सुखेर थानांतर्गत वीरपुरा निवासी सवा पुत्र मोगा मीणा ने भुवाणा निवासी शंाति लाल पुत्र कन्हैयालाल व तीन अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
फीस तक नहीं दी
॥ ताराचंद से नाम हटाने की एवज में कोई रकम नहीं ली है। वह शुक्रवार को फीस देने वाला था, वो भी नहीं दी। युवती ने 3 जनवरी को कोर्ट जरिए परिवाद में बताया कि एएसआई रोशनलाल ने उसका शारीरिक शोषण किया और 1.50 लाख रुपए लेकर छोड़ा। पिता से माफीनामा भी लिखवाया। 7 जनवरी को एसपी के सामने पेश किया तो वह बयान से बदल गई। रागिनी शर्मा, एडवोकेट
झूठ बोल रही है वकील
॥युवती और जितेंद्र एक ही अपार्टमेंट में रहते थे। इस कारण युवती से पूछताछ की गई। इसमें उसे क्लीन चिट दे दी गई, लेकिन रागिनी शर्मा ने ताराचंद को गुमराह किया तथा नाम शामिल होने का हवाला देकर डराया। इस वसूली में वह पुलिस को भी बदनाम कर रही है। रोशनलाल, एएसआई 

Wednesday, January 15, 2014

arms act jitendra khatik 21

चौथे आरोपी की तलाश में पुलिस ने दी दबिश

 
भास्कर न्यूज क्च नागौर
कोतवाली पुलिस ने अवैध हथियार मामले में चौथे फरार आरोपी की तलाश में मंगलवार को दिन भर अलग अलग जगहों पर दबिश दी। साथ ही गिरफ्तार तीनों आरोपियों का मंगलवार को मेडिकल करवाया गया।
थानाधिकारी नगाराम चौधरी ने बताया कि मामले में गिरफ्तार आरोपी भदोरा गांव के जितेंद्र खटीक, टांगली के पृथ्वी सिंह व लेवरा बावड़ी के जितेंद्र सिंह का राजकीय चिकित्सालय में मेडिकल करवाया।
कोर्ट ने तीनों आरोपियों को चार दिन के रिमांड पर लिया है। सोमवार को जितेंद्र खटीक की निशान देही पर इंदास गांव के जगदीश जाट के घर पर दबिश दी गई। आरोपी तो मौके से भाग गया। वहां तलाशी के दौरान पुलिस को दो ओर देशी कट्टे व 16 कारतूस बरामद हो गए। इसी संबंध में उपनिरीक्षक शिंभू सिंह की रिपोर्ट पर सदर थाने में आरोपी के खिलाफ आम्र्स एक्ट का मामला दर्ज कराया है। जगदीश की तलाश में पुलिस ने मंगलवार को भी दिन भर दबिशें दी। लेकिन जगदीश की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
गौरतलब है कि एसपी लक्ष्मण गौड़ को मुखबिर से सूचना के बाद कोतवाली की टीम ने इंदास फांटे व गोगेलाव रोड पर दबिश दी थी। इंदास के पास तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर एक देशी कट्टा व सात कारतूस बरामद किए थे।